संज्ञा- संज्ञा की परिभाषा, भेद, प्रयोग और उदाहरण
संज्ञा (Sangya) वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं। अत: सभी नामपदों को संज्ञा कहते हैं। जैसे- मोहन, गाय, मेज, आगरा, चांदी, क्रोध आदि।
संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha)
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे- श्याम, आम, मिठास, हाथी आदि।
संज्ञा- संज्ञा की परिभाषा, भेद, प्रयोग और उदाहरण
पद: परिभाषा और प्रकार
पद:
सार्थक वर्ण-समूह को शब्द कहा जाता है। लेकिन जब किसी शब्द का उपयोग वाक्य में होता है, तो वह व्याकरण के नियमों के अनुसार परिवर्तित हो जाता है। ऐसे शब्द को वाक्य में पद कहा जाता है।
पद के प्रकार:
हिंदी भाषा में पद पाँच प्रकार के होते हैं:
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
- अव्यय
संज्ञा और संज्ञा पद का परिचय
संज्ञा वह शब्द है, जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण, या भाव का नाम बताता है। जब यह शब्द वाक्य में उपयोग होता है, तो उसे संज्ञा पद कहा जाता है।
उदाहरण व विश्लेषण
निम्नलिखित वाक्यों को देखें:
रमेश कल जयपुर गया।
- यहाँ “रमेश” एक व्यक्ति का नाम है और “जयपुर” एक स्थान का नाम है।
वह किताब पढ़ रहा है।
- “किताब” एक वस्तु का नाम है।
हाथी जंगल में चलता है।
- “हाथी” एक जानवर का नाम है।
ईमानदारी जीवन में महत्वपूर्ण है।
- “ईमानदारी” एक गुण का नाम है।
इस पेड़ की ऊंचाई बहुत अधिक है।
- “ऊंचाई” से ऊंचा होने का भाव प्रकट होता है।
निष्कर्ष
इन वाक्यों से स्पष्ट है कि संज्ञा शब्द का उपयोग किसी नाम को दर्शाने के लिए होता है। वाक्य में यह शब्द संज्ञा पद बन जाता है। यह सभी पद संज्ञा है। संज्ञा पद का अर्थ ही है- “नाम“।
अतः- संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं ।
संज्ञा की पहचान
संज्ञा की पहचान निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर की जा सकती है:
1. प्राणी वाचक और अप्राणी वाचक शब्द
- प्राणी वाचक शब्द: जो किसी जीवित प्राणी का नाम दर्शाते हैं।
उदाहरण: बच्चा, भैंस, चिड़िया, आदमी, गीता। - अप्राणी वाचक शब्द: जो निर्जीव वस्तु, स्थान, या किसी अन्य तत्व का नाम दर्शाते हैं।
उदाहरण: किताब, मकान, रेलगाड़ी, पत्थर, तालाब।
2. गणनीय और अगणनीय संज्ञा
- गणनीय संज्ञा: जिनकी गिनती की जा सकती है।
उदाहरण: आदमी, आम, किताब। - अगणनीय संज्ञा: जिनकी गिनती संभव नहीं होती।
उदाहरण: पानी, हवा, सच्चाई।
संज्ञा का अंग भेद
वाक्यों में संज्ञा को पहचानकर उसका वर्गीकरण करना आवश्यक है।
उदाहरण
श्याम खाना खा रहा है।
- “श्याम” व्यक्ति का नाम है, यह प्राणी वाचक संज्ञा है।
अमरूद में मिठास है।
- “अमरूद” फल का नाम है, यह गणनीय संज्ञा है।
घोड़ा दौड़ रहा है।
- “घोड़ा” एक पशु का नाम है, यह प्राणी वाचक संज्ञा है।
पानी बह रहा है।
- “पानी” अगणनीय संज्ञा है, क्योंकि इसकी गिनती नहीं की जा सकती।
निष्कर्ष
संज्ञा शब्दों की पहचान उनके स्वरूप और वाक्य में उपयोग के आधार पर की जाती है। यह प्राणी, स्थान, वस्तु, गुण या भाव को दर्शा सकती है।
संज्ञा के भेद
हिन्दी में संज्ञा के मुख्य रूप से पाँच प्रकार होते हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:
व्यक्तिवाचक संज्ञा: राम, सीता, गांधीजी, नेहरू, राधा
जातिवाचक संज्ञा: लड़का, लड़की, कुत्ता, बिल्ली, किताब
भाववाचक संज्ञा: सुंदरता, बुद्धिमानी, क्रोध, प्रेम, दुःख
समूहवाचक संज्ञा: सेना, टोली, वर्ग, समूह, झुंड
द्रव्यवाचक संज्ञा: पानी, दूध, सोना, चाँदी
इस प्रकार, संज्ञा के पाँच भेद होते हैं:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा (द्रव्यवाचक और समूहवाचक)
- भाववाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun):
व्यक्तिवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का नाम बताती है। इसे हम किसी विशेष नाम से पहचानते हैं।
उदाहरण:
- राम, सीता (व्यक्ति का नाम)
- दिल्ली, भारत (स्थान का नाम)
2. जातिवाचक संज्ञा (Common Noun):
जातिवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी जाति, वर्ग या समूह के सभी सदस्यों के लिए समान रूप से प्रयुक्त होती है। यह किसी एक विशेष व्यक्ति या वस्तु का नाम नहीं होती, बल्कि उसे सभी के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:
- लड़का, लड़की (जाति के नाम)
- किताब, कुत्ता (वस्तु और प्राणी का नाम)
3. भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun):
भाववाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी गुण, भाव या अवस्था का बोध कराती है। यह किसी भौतिक वस्तु से जुड़ी नहीं होती, बल्कि मानसिक या भावनात्मक अवस्था से संबंधित होती है।
उदाहरण:
- सुंदरता, क्रोध (भाव या गुण)
- प्रेम, दुःख (भावनाएँ)
4. समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun):
समूहवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध कराती है। यह कई वस्तुओं या व्यक्तियों का संग्रह या समूह होती है।
उदाहरण:
- सेना, टोली (व्यक्तियों का समूह)
- वर्ग, समूह (वस्तुओं या व्यक्तियों का समूह)
5. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun):
द्रव्यवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी द्रव्य या पदार्थ का बोध कराती है, जिसे तौला, मापा या गिना जा सकता है। यह संज्ञाएँ किसी वस्तु के पदार्थ या सामग्री को दर्शाती हैं।
उदाहरण:
- पानी, दूध (द्रव्य)
- सोना, चाँदी (पदार्थ)
संज्ञा से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
1. संज्ञा किसे कहते हैं?
संज्ञा किसी व्यक्ति (प्राणी), वस्तु, स्थान, अथवा भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। उदाहरण: श्याम, दिल्ली, आम, मिठास, गाय आदि।
2. व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Vyakti Vachak Sangya Kise Kahate Hain)
वह शब्द जो किसी एक व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि का बोध करवाता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: संध्या, धर्मेश, सुरेश, सचिन; गीता, रामायण, कार, घर; कच्छ, गुजरात, मुंबई, दिल्ली; उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण; गंगा, जमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा आदि।
3. जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain)
जिन शब्दों से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: बच्चा, जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की आदि।
4. भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Bhav vachak Sangya Kise Kahate Hain)
किसी भाव, गुण, दशा और अवस्था का ज्ञान करवाने वाले शब्द को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: क्रोध, प्रसन्नता, प्रेम, आश्चर्य, लालच, जवानी आदि।
5. स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
जिन भाववाचक संज्ञा शब्दों में किसी भी प्रत्यय का प्रयोग नहीं होता है, उन्हें हम स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: सुख, दुःख, रोग, प्रेम, प्यार, स्नेह, दुलार, संसार, भय, क्रोध आदि।
6. समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Samuh Vachak Sangya Kise Kahate Hain)
जो शब्द किसी समूह या समुदाय विशेष की स्थिति को प्रकट करते हैं, उन्हें समूहवाचक संज्ञा या समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: कक्षा, संसद, भीड़, ढेर, दल, सेना, सभा, परिवार, मेला, पुलिस आदि।
7. द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Dravya Vachak Sangya Kise Kahate Hain)
वे संज्ञा शब्द, जो किसी द्रव्य, पदार्थ, धातु तथा अधातु का बोध कराते हैं, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: घी, तेल, पानी, तांबा, पीतल, सोना, लोहा आदि।